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Saturday, December 21, 2024
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केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की तैनाती की गई।

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रुद्रप्रयाग ।।-

सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों की तैनाती कर दी गई है। दोनों धामों में आईटीबीपी की एक – एक प्लाटून तैनात हुई है। इसके साथ ही पुलिस व श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के कार्मिक भी शीतकाल में मंदिरों की सुरक्षा देखेंगे।वर्ष 2022 में केदारनाथ धाम के गर्भगृह में सोने की परतें चढ़ाये जाने के पश्चात शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा को लेकर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पत्र लिख कर धामों में आईटीबीपी की तैनाती का अनुरोध किया था। इसके पश्चात केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दोनों धामों के कपाट बंद होने के बाद प्रतिवर्ष वहां आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की जाती है।

नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण हुआ जारी, 46 नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण हुआ जारी

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नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण हुआ जारी,

46 नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण हुआ जारी

एक सीट अनुसूचित जनजाति के लिए हुई आरक्षित,

12 सीट ओबीसी के लिए हुई आरक्षित

15 सीट सामान्य रखी गई,

6 सीट अनुसूचित जाति के लिए हुई आरक्षित,

2 सेट महिलाओं के लिए हुई आरक्षित,

एक सीट महिला अनुसूचित जाति के लिए हुई आरक्षित,

8 सीट महिला ओबीसी के लिए हुई आरक्षितNagar panchayat

उत्तराखंड की आज की सबसे बड़ी खबर नगर निकायों की आरक्षण सूची हुई जारी।

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बिग ब्रेकिंग देहरादून

उत्तराखंड की आज की सबसे बड़ी खबर

नगर निकायों की आरक्षण सूची हुई जारी

नगर निगम देहरादून अनारक्षित

नगर निगम ऋषिकेश अनुसूचित जाति

नगर निगम हरिद्वार अन्य पिछड़ी जाति महिला

नगर निगम रुड़की महिला

नगर निगम कोटद्वार अनारक्षित

नगर निगम श्रीनगर अनारक्षित

नगर निगम रुद्रपुर अनारक्षित

नगर निगम काशीपुर अनारक्षित

नगर निगम काशीपुर अनारक्षित

नगर निगम हल्द्वानी अन्य पिछड़ा जाति

नगर निगम पिथौरागढ़ महिला

नगर निगम अल्मोड़ा महिला Nagar Nigam

अशासकीय शिक्षक संघ जनपद चमोली और रूद्रप्रयाग के शिक्षकों ने सम्मेलन के माध्यम से विद्यालयों को प्रान्तीयकरण करने की उठाई मांग।

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गौचर / चमोली। अशासकीय सहायता प्राप्त शिक्षक संघ जनपद चमोली और रूद्रप्रयाग जिले के संयुक्त जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से अशासकीय विद्यालयों को प्रान्तीयकरण करने का प्रस्ताव पारित किया गया। गौचर चमोली में संपन्न हुऐ सम्मेलन का शुभारंभ कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल ने किया। इस मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि बद्रीनाथ विधायक लखपत सिंह बुटोला और भाजपा जिला चमोली के अध्यक्ष रमेश मैखुरी आदि उपस्थित थे। बतौर मुख्य अतिथि विधायक नौटियाल ने कहा कि सम्मेलन में सर्वसम्मति से पारित हुऐ प्रस्ताव से शासन को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शासकीय विद्यालयों के प्रान्तीयकरण पर विचार कर रही है। अशासकीय सहायता प्राप्त स्कूलों की समस्यायों के समाधान के प्रति भी सरकार द्वारा उचित कदम उठाया जाएगा।सम्मेलन में अशासकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की विषम भौगोलिक एवं आर्थिक स्थिति के कारण सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में राजकीय विद्यालयों के समान सुविधा न होने कारण छात्र छात्राओं के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इन क्षेत्रों में विषम परिस्थितियों के कारण सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में इन विद्यालयों के संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कहा गया है कि वर्तमान समय में इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन भत्तों का व्ययभार सरकार वहन करती है। यदि इन विद्यालयों का सरकार प्रान्तीयकरण करती है तो सरकार पर अधिक व्ययभार नहीं पड़ेगा।

सम्मेलन में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में प्रदेश सरकार से जनपद चमोली और रूद्रप्रयाग जिले के शिक्षकों ने निवेदन करते हुऐ चमोली और रूद्रप्रयाग के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को प्रान्तीयकरण करने की मांग की है। सम्मेलन में अशासकीय सहायता प्राप्त शिक्षक संघ चमोली के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, रूद्रप्रयाग जिले के अध्यक्ष बलवीर सिंह रौथाण, जिला महामंत्री चमोली दीपचंद्र सती, रूद्रप्रयाग के बीरेंद्र सिंह बर्त्वाल, चमोली के कोषाध्यक्ष गौरव पुरोहित और रूद्रप्रयाग के कोषाध्यक्ष दिगम्बर पंवार के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सम्मेलन के मुख्य अतिथि विधायक नौटियाल जी के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को प्रस्तुत किया गया।

नये भारत की बात उत्तराखण्ड के साथ’:मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून।।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित ‘नये भारत की बात उत्तराखण्ड के साथ’ कॉन्क्लेव में कहा कि हमने 2022 में उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के सामने संकल्प रखा कि नई सरकार का गठन होते ही राज्य में समान नागरिक संहिता लाने के लिए कार्यवाही शुरू करेंगे। इसके लिए कमेटी बनाई गई। कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद विधानसभा में विधेयक पारित कर इसे राष्ट्रपति को भेजा। राष्ट्रपति महोदय द्वारा भी इसके लिए मंजूरी दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ा है, इसकी असली श्रेय की हकदार उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकाल में श्री केदारनाथ की ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में, बदरीनाथ की पाण्डुकेश्वर और नर्सिंग मंदिर ज्योर्तिमठ में, यमुनोत्री की खरसाली और गंगोत्री की मुखवा में पूजा अर्चना होती है। राज्य सरकार द्वारा इन स्थलों पर शीतकाल यात्रा शुरू करने के साथ ही इनके आस-पास के पौराणिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत भी प्रथम चरण में 16 मंदिर क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश बढ़ाने के लिए पिछले वर्ष राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया। जिसमें 3.56 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू किये गये। इनकी ग्राउंडिंग भी तेजी से हो रही है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण बनाने के लिए 30 से अधिक नीतियां बनाई गई हैं। अनेक नीतियों का सरलीकरण किया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत अनुमतियां दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के रजतोत्सव वर्ष मे प्रवेश कर गया है। राज्य हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में आगामी 25 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास योजनाओं की प्लानिंग पर कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखण्ड अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

देहरादून में स्पीड ब्रेकर बना आफत, 15 मिनट में सात एक्सीडेंट, अब PWD सचिव ने मांगा जवाब।

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देहरादून-देहरादून में हुए इनोवा कार हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया था। इस हादसे के बाद शहर में कई स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। लेकिन घंटाघर के पास बनाया गया स्पीड ब्रेकर अब लोगों के लिए आफत बन गया है। घंटाघर चौराहे पर बने ब्रेकर के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं।

देहरादून में स्पीड ब्रेकर बना आफत

घंटाघर चौराहे पर बना स्पीड ब्रेकर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। गलत तरीके से बने ऊंचे स्पीड ब्रेकर के कारण कई हादसे हो गए हैं। बीते दिन इस स्पीड ब्रेकर के कारण महज 15 मिनट के अंदर ही यहां 7 ऐक्सिडेंट हो गए थे। जिसमें कई लोगों को मामूली चोटें आई हैं।

पीडब्लूडी सचिव डॉ पंकज पांडेय ने मांगा स्पष्टीकरण

  • घंटाघर चौराहे पर बने स्पीड ब्रेकर के कारण हुआ हादसों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब पीडब्लूडी सचिव डॉ पंकज पांडेय ने इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। सचिव ने पूछा है किसके आदेश से बनाये स्पीड ब्रेकर ? इसके साथ ही पूछा गया है कि स्पीड ब्रेकर बनाते समय यातायात के मानकों का ध्यान नहीं रखा गया है।

उत्तराखंड लागू करेगा देश की प्रथम योग नीति – मुख्यमंत्री

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10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो – 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी जानकारी।*

*केंद्र सरकार से उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान खोलने का अनुरोध किया*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश सरकार देश की ‘प्रथम योग नीति’ लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

गुरुवार को परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो -2024 को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता का प्रमाण दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने आयुष के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में, हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 ‘आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’ का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा सरकार प्रत्येक जनपद के एक गांव को मॉडल आयुष गांव के रूप में स्थापित कर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए ‘उत्तराखंड आयुष नीति’ लागू कर चुकी है। इसके साथ ही, प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ- साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

*उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का प्रस्ताव*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, ये संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी जड़ी-बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को भी प्रचारित किया जाए। इससे स्थानीय जड़ी बूटियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में हम ‘किलमोड़े’ को जानते है लेकिन उसके अंग्रेजी नाम ‘बेरीबेरीज’ को अधिकतर लोग नहीं जानते हैं जबकि इस नाम को पूरा विश्व जानता है और इससे दवाएं बनती हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम भी प्रचारित किया जाना चाहिए।

*उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि*

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीनकाल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र जड़ी-बूटियों और औषधियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ट कला है। ये हमें सही जीवन शैली के बारे में बताता है, इसका उद्देश्य रोगों को ठीक करना ही नहीं है बल्कि इसका अंतिम लक्ष्य रोग को होने ही न देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक्सपो का विधिवत शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

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*एक छत के नीचे मिलेगी आयुर्वेद की दवाएं*

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल के दौरान आयुष के क्षेत्र में हुई पहलों से आयुष उत्पाद निर्माण में आठ गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अब आयुष और हर्बल उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग उपकरणों के जैसी तकनीकी को अपना कर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि भारत में लोग सामान्य तौर पर आयुर्वेद से उपचार पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में तक डॉक्टर एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा परामर्श देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर सारे रोगों की सारी दवाएं एक ही जगह पर मिलनी तकरीबन मुश्किल होती हैं। इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्रों की स्थापना करने का प्रयास कर रही है। ऐसा पहला केंद्र दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में शुरू हो चुका है। देशभर में ऐसे केंद्र खुलने से आयुष चिकित्सक परामर्श में आसानी से दवा लिख सकेंगे। उन्होने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस नवीन विचारों, प्राचीन संस्कृति और नवाचारों का संगम साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान आस पास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह आयोजन व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही केंद्र सरकार ने देशभर में 29 अक्तूबर से प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन से आयुष पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद तो मितती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आस पास इस सेक्टर की ग्रोथ भी बढ़ती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए उत्तराखंड का आदर्श राज्य बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों में वर्णित कई जड़ी बूटियां हिमालय में मिलती हैं।

*पीएम नरेंद्र मोदी ने भेजा संदेश*
सम्मेलन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर भेजे गए संदेश को पढ़ा। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय आयोजन सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव कुमार शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के चेयरपर्सन वैद्य पीएम वॉरियर, उत्तराखंड शासन में सचिव आयुष रविनाथ रमन ने भी संबोधित किया।

इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख तौर पर शामिल हुए।

सड़क हादसे में मां ,पिता ,पुत्र तीनो की मौत,दिल्ली से गांव पहुंचने से पहले हुआ हादसा।

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कोटद्वार/सतपुली। मंगलवार को सड़क हादसे में कार सवार एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई है। कार में राजस्व क्षेत्र कौंदा के विनोद सिंह का परिवार था। वह पारिवारिक पूजा में शामिल होने के लिए दिल्ली से अपने गांव कौंदा जा रहे थे।मौके पर पहुंची सतपुली पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। थानाध्यक्ष दीपक तिवाड़ी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि बड़ेथखाल मोटरमार्ग से व्यासघाट की ओर सुबह साढ़े 11 बजे एक कार दो सौ मीटर गहरी खाई में गिर गई है। सभी लोग राजस्व क्षेत्र कौंदा में पूजा में शामिल होने जा रहे थे।मृतकों में 59 वर्षीय विनोद सिंह नेगी पुत्र सोहन सिंह नेगी, उनकी पत्नी 57 वर्षीय चंपा देवी, 26 वर्षीय गौरव पुत्र विनोद सिंह नेगी शामिल हैं। राजस्व पुलिस ने मृतकों के परिजनों को हादसे की सूचना दी है।

राज्य के चारधामों की शीतकालीन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में ठहरने पर किराये में 25 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी- मुख्यमंत्री

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आगामी चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए अभी से पूरा प्लान बनाकर कार्य किया जाए।*

*चारधाम यात्रा और शीतकालीन यात्रा के दृष्टिगत पंजीकरण पोर्टल सिस्टम मजबूत बनाया जाय।*

*चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए स्टेक होल्डरों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिये जाएं।*

*चारधामों में जुटाई गई सुविधाओं के दृष्टिगत धामों की कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास किये जाएं।*

*चारधामों और उनके शीतकालीन प्रवासों के आस-पास के प्रमुख क्षेत्रों को भी विकसित किया जाए।*

*आगन्तुकों को सम्मान और उपहार में राज्य के स्थानीय उत्पाद प्रदान करें।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकालीन यात्रा स्थलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इस यात्रा के लिए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में भी गेम चेंजर साबित होगी। पंच बद्री और पंच केदार के साथ ही शीतकालीन यात्रा प्रवास के आस-पास के प्रमुख स्थलों को विकसित करने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और होटलों के आस-पास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। यात्रा को सुविधायुक्त बनाना और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारों धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। चारधामों के आस-पास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। चारधाम यात्रा मार्गों में सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यमुनोत्री के दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए स्टेक होल्डरों के साथ शासन स्तर पर बैठक की जाए। स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी अर्द्धकुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाए। यह बड़ा आयोजन होता है, इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अभी से हर क्षेत्र में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कोरिडोर और शारदा कोरिडोर पर भी तेजी से कार्य किये जाएं। पूर्णागिरी और कैंची धाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्गों की दिशा में कार्य किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किये जाएं। आगामी नंदादेवी राजजात यात्रा के दृष्टिगत भी तैयारियां शुरू की जाए। प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आने वाले आगन्तुकों और महानुभावों को सम्मान और उपहार में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही प्रदान किये जाएं। इससे वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, डीजीपी श्री दीपम सेठ, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री एच.सी. सेमवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक श्री ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

उत्तराखंड निकाय चुनाव का रास्ता हुआ साफ़, ओबीसी आरक्षण विधेयक को मंजूरी।

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देहरादून-उत्तराखंड में निकाय चुनावों का रास्ता अब साफ़ हो गया है। ओबीसी आरक्षण विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य में होने वाले निकाय चुनावों में ओबीसी समुदाय को आरक्षण मिल सकेगा। विधेयक की मंजूरी के बाद अब आरक्षण के संबंध में आदेश जारी किए जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, निकाय चुनावों की अधिसूचना 20 दिसंबर तक जारी होने की संभावना है। पहले निकायों का आरक्षण किया जाएगा, जिसके बाद ही चुनावों की अधिसूचना जारी की जाएगी।