विकास नही विनाश की दहलीज पर खड़ा है खांकरा गांव ।

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रुद्रप्रयाग के खांकरा गांव में रेल लाइन निर्माण से पड़ी दरारे

खांखरा के ग्रामीणों को सता रहा है जोशीमठ जैसी त्रासदी का डर
ग्रामीण कर रहे है मुआवजा या फिर विस्थापित करने की मांग
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण से रुद्रप्रयाग जनपद के खांखरा गांव में भी दरारे पड़ रही हैं। गांव के नीचे से बन रही टनल के कारण यहां के आवासीय घरों में मोटी-मोटी दरारे पड़ चुकी हैं। ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर कई बार रेल लाइन निर्माण का कार्य कर रही कार्यदायी संस्था से मिल चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों को ना तो मुआवजा मिल पाया है और ना कोई अन्य कार्यवाही हो पाई है। ग्रामीणों में कार्यदायी संस्था के अलावा शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से 12 किमी की दूरी पर स्थित खांखरा गांव जिले का प्रवेश द्वार है।https://youtube.com/shorts/3olPTdtMx_8?feature=share

यहां के ग्रामीण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण के चलते दहशत में हैं। गांव के नीचे रेल लाइन की टनल बन रही है। टनल के भीतर हुए विस्फोटों के कारण खांखरा गांव के घर हिल चुके हैं और कई घरों में मोटी दरारें पड़ चुकी हैं। करीब दो दर्जन परिवारों पर खतरे का साया मंडरा रहा है। इसके अलावा चारों ओर फैल रही धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं। यहां के पेड़-पौधे भी धूल के कारण सूख रहे हैं। ग्रामीण यहां खतरे के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वह रेल लाइन का कार्य बंद करवाके धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से ना तो उनके घरों की मरम्मत की जा रही है और ना ही उनको मुआवजा वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खांखरा के हालात जोशीमठ की तरह होने वाले हैं। यहां घरों में रहना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जल्द ही उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने बच्चों और मवेशियों के साथ कंपनी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जायेंगे।
बता दें कि गांव की एक बुजुर्ग विधवा महिला मैक्स कंपनी के निर्माण कार्य से खासे परेशान हैं। महिला का जवान बेटा 25 वर्ष की उम्र में देश के लिए शहीद हो गया था और उनके पति ने भी 30 वर्षों तक भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की, लेकिन आज यह महिला अपना घर बचाने के लिये दर-बदर भटक रही है। पीड़ित महिला सावित्री देवी का घर रेल लाइन निर्माण कार्य के नजदीक है। टनल में हुए विस्फोट के कारण महिला के घरों में दरारे आ गई हैं और निर्माण कार्य से उड़ती धूल के कारण जीना मुश्किल हो गया है। पीड़ित महिला रेलवे के अधिकारियों से लेकर डीएम तक अपनी फरियाद लगा चुकी हैं, लेकिन आज तक उन्हें न ही मुआवजा दिया गया और न ही उन्हें कहीं अन्य जगह शिफ्ट किया गया है। ऐसे में बुजुर्ग महिला न्याय की गुहार लगा रही है।

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