बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज से होगी शुरू।


श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद किए जाएंगे।

इसके लिए मंगलवार आज से धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

बद्रीनाथ मंदिर के धर्म अधिकारी राधा-कृष्ण थपलियाल ने दी जानकारी।

परंपरा अनुसार बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार भगवान गणेश के मंदिर के कपाट बंद होने के साथ शुरू होगी।

16 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर, 17 नवंबर को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रख वेद रिचाओं का वादन बंद होगा।

18 नवंबर को महालक्ष्मी गर्भ गृह में विराजमान होगी इसके बाद 19 नवंबर को पंचांग गणना और धार्मिक मान्यताओं के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

इस बार चारधाम यात्रा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं,चारों धामों एवं हेमकुंड साहिब-लोकपाल के दर्शनों के लिए 14 नवंबर तक 46 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

अभी सिर्फ श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले हैं, और यहाँ तीर्थ यात्रियों का आवागमन निरंतर बना हुआ है, श्री बद्रीनाथ धाम मे सोमवार 14 नवंबर को जोरदार हिमवर्षा हुई, बावजूद इसके देर सायं तक 4 हजार 3 सौ 11श्रद्धालु भगवान श्री हरिनारायण के दर्शनों को पहुंचे।
श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट इसवर्ष 8 मई को खोले गए थे, और 8 मई से 14 तक 17 लाख 38 हजार 872 श्रद्धालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर चुके हैं।
भगवान बद्रीविशाल के कपाट आगामी 19 नवंबर को अपरान्ह 3बजकर 35 मिनिट पर शीतकाल के लिए बन्द होंगें।

 

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