22 वर्षो का उत्तराखण्ड नही बन पाया आत्मनिर्भर ,आज भी कर्ज के बोझ पर चल रही है अर्थव्यवस्था ।।

आत्मनिर्भर राज्य की थी चाहत , मिला कर्ज का बोझ,

आर्थिक जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेना बना राज्य की मजबूरी,

10122 करोड का कर्ज था राज्य में 2005 में,

253832 करोड़ है सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2022 में,

65571.49 करोड हो चुका है राज्य का बजट 2022-23 तक,

2019-20 में कोरोना के कारण लड़खड़ाई थी राज्य की अर्थव्यवस्था,

17 सालों में 74166 करोड का कर्ज बढ़ गया राज्य में, आरबीआई के मुताबिक,

कुल बजट का 39.68% बजट वेतन – मजदूरी और पेंशन पर हो रहा खर्च,

9.18% बजट कर्ज का ब्याज चुकाने में हो रहा व्यय,

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