उत्तराखण्ड के लोकपर्व ईगास-बग्वाल को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अवकाश की घोषणा के बाद शासन ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं। सचिव सामान्य प्रशासन विनोद सुमन ने 4 नवंबर को ईगास के मौक़े पर सार्वजनिक अवकाश के आदेश जारी किए हैं।
यह दूसरा मौक़ा होगा जब उत्तराखण्ड में लोकपर्व ईगास को लेकर अवकाश घोषित किया गया हो, इससे पूर्व पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ईगास बग्वाल की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईगास बग्वाल उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है, हम सब का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें।
ज्ञात हो कि सदियों से गढ़वाल में दीपावली को बग्वाल के रूप में मनाया जाता है। जबकि दीपावली (बग्वाल) के ठीक 11 दिन बाद गढ़वाल में एक और दीपावली मनायी जाती है, जिसे ईगास कहा जाता है। वहीं कुमाऊं के क्षेत्र में इसे बूढ़ी दीपावली कहा जाता है। ईगास पर्व दीपावली से 11 दिन बाद आने वाली एकादशी को मनाया जाता है। इस पर्व के दिन सुबह मीठे पकवान बनाये जाते हैं जबकि रात में स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के बाद भैला जलाकर उसे घुमाया जाता है और ढोल नगाड़ों के साथ आग के चारों ओर लोक नृत्य किया जाता है। दीपावली के 11 दिन बाद इगास पर्व मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।