2015 की दरोगा भर्ती घोटाले में पुलिस के 70 एसआई विजिलेंस के रडार पर ।
22 वर्षो के युवा उत्तराखण्ड में विभिन्न विभागों में भर्तियों के घोटालो का ऐसा दीमक लगा हुआ है जो वर्षो से उत्तराखण्ड को अंदर से खोखला करते जा रहा है । आये दिन उजागर हो रहे भर्ती घोटाले वर्तमान सरकार के लिये गर्म दूध जैसा हो रहा है जिसे नही तो पिया जा सकता है और नही थूका जा सकता है ।जिस भी भर्ती को उठा कर देखो वहां घोटाला ही घोटाला नजर आ रहा है । जिन पुलिस वालों पर कानून की रक्षा की जिम्मेदारी होती है आज उसी विभाग के पुलिस वाले जांच के दायरे में आ गए है और आये भी क्यों नही घुस देकर नोकरी जो पाए है ।जिन्हें कानून प्रकिया की रीढ़ माना जाता है आज वही जांच के दायरे में आ गए हैं ।आखिर इस युवा उत्तराखण्ड का भ्र्ष्टाचार व भर्ती घोटाले का पाप किस तरह धूल पायेगा।
वर्ष 2015 में पंतनगर विवि की टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी द्वारा पुलिस विभाग में 356 दरोगाओं की सीधी भर्ती कराई थी. जिसमें एसटीएफ ने धांधली के सबूत दिए थे. सरकार द्वारा दरोगा भर्ती घोटाले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी. 8 सितंबर को एसपी विजलेंस प्रहलाद मीणा के नेतृत्व में विजलेंस टीम पंतनगर कृषि विश्विद्यालय पहुंची थी. कुलपति से मुलाकात के बाद टीम ने लैंबर्ट स्क्वायर स्थित भर्ती सेल (पूर्व में टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी सेल) में रात 10 बजे तक इस भर्ती से जुड़े दस्तावेज खंगाले. जिसमें विजिलेंस को भी दरोगा भर्ती में धांधली से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे थे.
- विजिलेंस ने शासन से आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की स्वीकृति मांगी थी. 7 अक्टूबर को स्वीकृति मिलने के बाद 8 अक्टूबर को पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के टेस्ट एंड सेलेक्शन कमेटी के पूर्व चेयरमैन वर्तमान में डीन वेटरनरी डॉक्टर एनएस जादौन और सेवानिवृत्त सहायक संस्थापन अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी सहित 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.