केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें अब स्वर्णमंडित होंगी। साथ ही खंभों, जलेरी और छत्रों पर भी सोने की परत चढ़ाई जाएगी। उत्तराखंड शासन से अनुमति के बाद श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कार्य भी शुरू करवा दिया है, जिसके तहत इन दिनों दीवारों पर ड्रील मशीन से छेद किए जा रहे हैं।
समुद्रतल से 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान आशुुुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में ग्याहरवें केदारनाथ मंदिर को काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दीवारों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। महाराष्ट्र के एक दानीदाता ने दो माह पूर्व बीकेटीसी से इस कार्य के लिए आग्रह किया था। इसके लिए समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से बीते अगस्त में धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव हरीश चंद्र सेमवाल को पत्र लिखकर शासन से अनुमति मांगी थीं। दो दिन पूर्व उत्तराखंड शासन ने बीकेटीसी को इस कार्य के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। अब, बीते मंगलवार रात्रि से बुधवार दोपहर तक अलग-अलग समय पर केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगी चांदी की परतें निकाल दी गई हैं। अब, स्वर्णमंडित करने के लिए दीवारों पर ड्रील मशीन से जगह-जगह पर छेद किए जा रहे हैं।
2017 में गर्भगृह पर लगाई गईं थी चांदी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर एक दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने 2017 में चांदी की पतर चढ़ाई थी। दो कुंतल और तीस किलोग्राम से अधिक चांदी से गर्भगृह की जलेरी, छत्र को भी चांदी से सजाया गया था। लगभग तीन वर्ष पूर्व केदारनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर भी अलग से चांदी का दरवाजा भव्य दरवाजा लगाया गया है।
बद्री केदार मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भट्ट का कहना है कि
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों से चांदी की परतें निकाल दी गई हैं। अभी ट्रायल के तौर पर तांबे की परत चढ़ाई जा रही है, जिससे पता लग सकेगा कि आकार ठीक है या नहीं। कुछ दिन पहले गर्भगृह का नाप लिया गया था, जिसके आधार पर तांबे की परत बनाई गई हैं। इसी नाप के बाद अंत में गर्भगृह की दीवारों, जलेरी और खंभों में सोने की परत लगाई जाएगी। यह कार्य आगामी अक्तूबर तक पूरा हो जाएगा। सोने की जो परतें लगाई जांएगी वह लेमिनेट होंगी, जिनकी चमक कम नहीं होगी और इन्हें आसानी से पानी से भी धोया जा सकेगा।