जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा हैलीकॉप्टर टिकटों के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले 02 अभियुक्त धर दबोचे*
रुद्रप्रयाग – केदारनाथ यात्रा में संचालित होने वाली हेली सेवाओ टिकटो के लिये ऑनलाइन ठगी व धोखाधडी की जा रही है ।पूर्व में भी देश विदेश से आने वाले तीर्थ यात्री पहले भी कही बार टिकटो की बेलकमेलिंग की शिकायते करते आये हैं ।
इस वर्ष की यात्रा में भी श्री परीक्षित शारदा निवासी सोलन हिमाचल प्रदेश द्वारा दिनांक 17 मई 2022 को थाना गुप्तकाशी पर आकर शिकायत की गयी कि उनके साथ किसी अन्जान व्यक्ति के द्वारा श्री केदारनाथ यात्रा हेतु पवनहंस कम्पनी का हेलीकॉप्टर टिकट उपलब्ध कराने के नाम से 1,12000/रुपयों की धोखाधड़ी की गयी है, जब वे यात्रा हेतु यहां पर पहुंचे तो उनको कोई टिकट प्राप्त नहीं हुए और न ही टिकट दिलाने वाले व्यक्ति से अब उनका सम्पर्क हो रहा है। शिकायतकर्ता के शिकायर के आधार पर दिनांक 17 मई 2022 को थाना गुप्तकाशी पर मु0अ0सं0 15/2022 धारा 420 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित की गयी। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान इस ऑनलाइन ठगी में प्रयुक्त संदिग्ध खातों में हुए लेन-देन के आधार पर पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग द्वारा समय-समय पर दिये गए निर्देशों एवं पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी व पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स के कुशल पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी गुप्तकाशी द्वारा थाना गुप्तकाशी पुलिस एवं जनपदीय एस0ओ0जी0 की एक संयुक्त टीम गठित कर अभियक्तों की तलाश हेतु गैर प्रान्त बिहार भेजी गयी। सर्विलांस की मदद से अभियोग में प्रयुक्त हुए अलग अलग खाताधारकों के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करने पर पुष्टि होने पर अभियुक्त गणों को पटना, बिहार से गिरफ्तार कर लाया गया। अभियुक्तों कौशल कुमार पुत्ररामपुकार उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम नदवा थाना बाड,जिला पटना बिहार व राहुल कुमार पुत्र वरुण सिंह उम्र 30 वर्ष निवासी नदवा जिला पटना बिहार को मा0 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्यायिक हिरासत में जिला कारागार पुरसाड़ी चमोली भेज दिया गया है।
हेली टिकटो की ठगी व हेरा फेरी का भी अपराधियो के द्वारा नया तरीका निकाला जा रहा है जिसमे
इन अभियुक्तों द्वारा पवनहंस हैलीकॉप्टर कम्पनी के नाम से फर्जी वेबसाइट तैयार कर इन्टरनेट पोर्टल पर सार्वजनिक कर दी जाती थीं, जिससे कि किसी भी व्यक्ति द्वारा हैलीकॉप्टर टिकटों के सम्बन्ध में गूगल पर सर्च करने पर इनकी वेबसाइट पर क्लिक करने पर इनके झांसे मे आ जाते थे, सबसे बड़ी बात ये कि इनके द्वारा सम्बन्धित क्षेत्र के बारे मे अधिकांश जानकारी सही अपलोड की रहती थी। किसी भी क्वेरी के लिए अपने मोबाईल नम्बर डाले रखते थे। पैसों के लेन-देन के लिए इनके द्वारा अन्य गरीब लोगों के खातों का सहारा लिया जाता था, उनके नाम से खाता खोलकर ओ0टी0पी0 या अलर्ट हेतु अपना नम्बर डलवाया जाता था तथा ए0टी0एम0 कार्ड अपने पास रखते थे। खाते मे आने वाली धनराशि की तुरन्त निकासी या दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इस कार्य को इनके द्वारा अत्यधिक प्रोफेशनल तरीके से अंजाम दिया जाता था।