गजब !शिक्षा विभाग में एक अधिकारी के पास पांच अतिरिक्त दायित्व …

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तीन विकासखंडों में विभागीय जिम्मा संभाल रहे एक बीईओ
नौ से अधिक स्कूलों की व्यवस्था दी गई जिम्मेदारी
विभाग से अधिकारी को वाहन सुविधा भी नहीं
रुद्रप्रयाग । कहां नीति, कहां रह गया माणा, श्याम सिंह पटवारी ने कहां-कहां जाणा… यह कहावत जनपद रुद्रप्रयाग में शिक्षा विभाग की व्यवस्था को बयां कर रही है। विभाग द्वारा एक खंड शिक्षाधिकारी को पांच अतिरिक्त दायित्व सौंपकर पूरे जिले की शिक्षण व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन विभाग ने उन्हें वाहन तक की सुविधा भी नहीं दी है। इन हालतों में एक अधिकारी कैसे कुल ९४१ से अधिक स्कूलों का निरीक्षण व मूल्यांकन कैसे और कब करेंगे, समझ से परे है।
बीते जुलाई माह से जनपद में शिक्षा विभाग की कार्यशैली चर्चाओं का विषय बनी हुई है। एक तरफ शिक्षक की मृत्यु के चार वर्ष बाद तबादला किया जाता है। वहीं, अब जखोली ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी यशवीर सिंह रावत को अगस्त्यमुनि और ऊखीमठ ब्लॉक के खंड शिक्षाधिकारी व उप शिक्षाधिकारी का भी अतिरिक्त दायित्व भी सौंपा गया है। इन हालातों में संंबंधित अधिकारी को कम से कम दो-दो दिन प्रत्येक ब्लॉक में बैठना होगा। साथ ही वहां विभागीय बैठकों के साथ शिक्षकों/कर्मचारियों से जुड़े मामले निस्तारित करने के साथ प्रशासनिक बैठकों में भी शिरकत करनी होंगी। ऐसे में संबंधित अधिकारी कब और कैसे तीनों ब्लॉकों में विभाग से जुड़ी गतिविधियों का सफल निर्वहन कर सकेंगे, इसका जवाब आला अधिकारियों के पास भी नहीं है। भौतिक दूरी के हिसाब से देंखे तो जखोली से अगस्त्यमुनि की दूरी ३६ किमी है और ऊखीमठ की दूरी ५० किमी है। वहीं, जिले में ५२५ प्राथमिक, १८७ उच्च प्राथमिक, ४५ उच्चतर माध्यमिक, १०५ इंटरमिडिएट कॉलेज सहित कुल ९४१ शिक्षण संस्थान हैं, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय और राजीव गांधी नवोदय विद्यालय भी हैं। ऐसे में इन सभी शिक्षण संस्थाओं की जिम्मेदारी देकर विभाग ने एक अधिकारी को सभी दायित्व देकर मजबूत तो बना दिया है। लेकिन उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए एक अदद वाहन की सुविधा तक नहीं दी है।

भले ही खण्ड शिक्षाधिकारी का कहना है कि
मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली है, उसका अपने स्तर से बेहतर से बेहतर निर्वहन का प्रयास करुंगा। मेरा एक ही उद्देश्य है शिक्षा, शिक्षण, शिक्षक और छात्र–छात्राओं के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करना है। जो-जो दिक्कतें सामने हैं, उसके बारे में आला अधिकारियों से भी चर्चा की जाएगी।
शिक्षकों को कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। इसलिए जिले में तैनात एकमात्र खंड शिक्षाधिकारी को अन्य दो ब्लॉकों के अतिरिक्त दायित्व सौंपे गए हैं। अधिकारियों की कमी के बारे में निदेशालय व शासन को पत्राचार से अवगत कराया जा चुका है।

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