बिजली खरीद को लेकर लगे आरोप ।
देहरादून- उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है ।लेकिन साल दर साल उत्तखण्ड में बिजली की दरों में तीव्र वृद्वि होती नजर आती है ।लेकिन भी उत्तराखण्ड को अन्य प्रदेशों से यहां के लिये बिजली खरीदनी पड़ती है ।बिजली खरीद में भाजपा के पूर्व राज्य मंत्री रघुनाथ सिंह नेगी द्वारा अपनी ही सरकार पर एक हजार करोड़ रुपए की बिजली खरीद का आरोप लगा रहे हैं ।पूर्व राज्य मंत्री ने इस बिजली खरीद के खेल पर राजभवन से भी संज्ञान लेने की मांग की और इस पुरे प्रकरण की सीबीआई जांच करने की मांग की है ।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा विद्युत खरीद मामले में मोटी कमीशन खोरी के खेल को अंजाम देने के लिए गर्मी का सीजन आने से पहले विद्युत आपूर्ति मामले में बिना होमवर्क नहीं किया गया और न ही करार के तहत विद्युत आपूर्ति करने वाली कंपनियों की कोई समीक्षा की गई तथा विभाग की सोची समझी अदूरदर्शिता एवं कुप्रबंधन के चलते इस प्रदेश को लगभग 1026 करोड रुपए की बिजली इंडिया एनर्जी एक्सचेंज ,पावर एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया एवं एनवीवीएन नई दिल्ली से महंगे दामों पर माह मार्च 2022 से जून 2022 तक खरीदनी पड़ी … जिसने प्रदेश के खजाने को बड़ा नुकसान पहुँचाया है । पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि ऊर्जा विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है लेकिन फिर भी इस विभाग में ऐसा खेल हो गया कि मजबूरन सरकार को लगभग 1200 मिलीयन यूनिट्स बिजली बाहर से महंगे दामों में खरीदनी पड़ी | उक्त बिजली लगभग ₹8 से लेकर ₹12 प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई जिसकी कीमत 1026 करोड रुपए है ,इसलिए इस पुरे प्रकरण की जाँच की जाय ।