गुनहगार कितना भी बड़ा शातिर क्यों न हो लेकिन सबूत कुछ न कुछ जोड़ हि जाता है ।

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फिल्मी अंदाज में अपने ही उस्ताज को होटल हेल्पर ने मौत के घाट उतारा।
अपराध करने के बाद भी अपराधी बेपरवाह बना रहा ।
उत्तरकाशी – उत्तराखण्ड की शांत वादियों में रहने वाले भी आज अपराध के दल दल में फंसते जा रहे हैं ।दोस्त कब दुश्मन बन जाये ये भी पता नही ।आज हम जिस वारदात की बात कर रहे हैं वो एक होटल में उस्ताज व हेल्पर कि आपसी रंजिश से एक की मौत तो दूसरा आजीवन कैद में रहेगा । इस घटना को देख कर हर कोई दंग रह गया कि अपराधी किस फिल्मी अंदाज में अपने की उस्ताज को मौत के घाट उतार देता है ।एक साथ खाना पीना व उसके बाद फिर नदी के किनारे टहलना किसी फिल्मी अंदाज से कम नही ।भला हो इस टेक्निकल युग जो गुनेगार को अपनी तीसरी आंख से कैद कर लेता है । मौत से बेपरवाह सोबन सिंह पंवार को उसके साथ ही होटल में हेल्पर का काम करने वाले महादेव नौटियाल ने रात्रि में केदारघाट के पास भागीरथी नदी में फेंक दिया ।
दोनों लोग एक होटल में काम करते थे और रात को शराब पीने के बाद केदार घाट पर घूमने आए नदी के किनारे फ़ोटो खींचते खींचते हेल्पर ने उसके दोनों पाव उठा कर  नदी में फेंक दिया जिसकी वारदात  घाट पर लगे सीसीटीवीफुटेज  में कैद हो गयी ।

सोबन सिंह जब होटल नही पहुंचा तो घटना को अंजाम देने वाला महादेव होटल मालिक के साथ गुमशुदगी दर्ज करना कोतवाली पहुंच गये ।पुलिस जांच में जुटी तो अपने तरिके से जांच भी शुरू हो गयी ।लेकिन शातिर अपराधी को पता नही था कि मुझे भी कोई देख रहा है ।पूरे बाजार में सोबन सिंह लापता होने की चर्चा चलती रही ।
–  होटल मालिक शिवराज गुसांई पुत्र मदन सिंह गुसाई नि0 लदाड़ी थाना कोतवाली उत्तरकाशी द्वारा कोतवाली उत्तरकाशी पर आकर अपनी विश्वनाथ स्वीट शॉप पर काम करने वाले सोबन सिंह पंवार के लापता होने के सम्बन्ध में एक लिखित तहरीर दी गई।तहरीर के आधार पर कोतवाली उत्तरकाशी पर तत्काल उक्त व्यक्ति की गमुशुदगी दर्ज की गई। मामला पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी  अर्पण यदुवंशी के संज्ञान में आते ही उनके द्वारा क्षेत्राधिकारी उत्तरकाशी व प्रभारी कोतवाली को गुमशुदा की तलाश हेतु उचित दिशा-निर्देश दिये गये।
गुमशुदा सोबन सिंह पंवार को उसके साथ ही होटल में हेल्पर का काम करने वाले महादेव नौटियाल द्वारा  रात्रि में केदारघाट के पास भागीरथी नदी में फेंककर मार दिया गया है।पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए महादेव नौटियाल को हिरासत में ले लिया गया। दुकान में काम करने के दौरान अक्सर सोबन सिंह पंवार मुझे काम करने के लिये डांटता रहता था, टार्चर करता था और मेरे ऊपर अपना आर्डर चलाता था, जिस कारण से मेरे मन में सोबन सिंह पंवार के प्रति बहुत गुस्सा था और मैंने उसे जान से मारने की ठान ली थी । मैंने पहले से ही अपने मन में सोबन सिंह को जान से मारने की पूरी प्लानिंग बना ली थी।
मेरे द्वारा दुकान मालिक से 1500 रू0 लिये गये, मैने ठेके से शराब मंगा के रखी थी । मैंने अपने उस्ताद सोबन सिंह से बोला कि आज पार्टी करते हैं, फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर शराब पी, शराब खत्म होने के बाद  मैंने बोला कि चल और शराब पीते हैं और बहाने से मैं उस्ताद को अंग्रेजी शराब के ठेके उत्तरकाशी लाया । वहां पर मैंने एक क्वार्टर शराब और लिया। हम दोनों ने वह वार्टर पिया । उसके बाद मैं उसे अपने साथ – साथ केदारघाट पर ले गया । मैंने उसे बातों में उलझाया और सोबन सिंह भी मोबाईल फोन से विडीयो बनाने लगा । मैं सोबन सिंह को विडियो बनाते हुये केदारघाट भगीरथी नदी के किनारे पर लगी रेलिंग के पास ले गया और मौका पाकर मैने सोबन सिंह पंवार के पांव पकड़कर नदी में गिरा कर जान से मार दिया। उसके बाद मै वहां से अपने घर चला गया था।  मैं दूसरे दिन स्वीट शॉप मालिक के साथ सोबन सिंह पंवार की गुमशुदगी दर्ज करवाने के लिये इसलिये थाने आया ,ताकि मुझ पर कोई शक न करे।

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