पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लालकुआं सीट पर पोस्टल बैलेट को लेकर तमाम सवाल खड़े करते हुए निर्वाचन आयोग से मामले में संज्ञान लेने को कहा है। हरीश का आरोप है कि आखिर कोई तो है, जो लोगों को अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने से रोक रहा है।
एक ट्वीट के माध्यम से हरीश रावत ने कहा कि यह मामला सीधे उनकी चुनावी संभावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से यह मामला जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर सहायक निर्वाचन अधिकारी तक के संज्ञान में लाया जा चुका है। लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के पोस्टल बैलेट उन आवेदकों तक नहीं पहुंचे हैं, जिन्होंने इसके लिए आवेदन किया है। हरीश रावत ने कहा कि रुद्रपुर में दो वाहनियां हैं।
इन वाहनियों में एक बड़ी संख्या में वोटर लालकुआं क्षेत्र में रहते हैं, जो पुलिस व पीएसी में सेवारत हैं। वह अपना मतपत्र ढूंढने के लिए भटक रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद उन्होंने और उनके सहयोगियों ने अपने-अपने स्तर से संबंधित लोगों तक पहुंचा दी है, लेकिन एक मार्च तक बड़ी संख्या में पीएसी व पुलिसकर्मियों के बैलेट पेपर उन तक नहीं पहुंचे थे। ऐसे में जब मतगणना को कुछ ही दिन शेष रहे गए हैं, यह बैलेट पेपर कब पहुंचेंगे और वह कब मतदान करेंगे।
इस बारे में तो चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए। हरीश ने कहा कि केवल एक-दो क्षेत्रों को चिह्नित किया जाना और उनमें वोट डालने के लिए इच्छुक कर्मियों तक मतपत्र का न पहुंचना, कई तरह के संदेहों को जन्म देता है। क्या चुनाव आयोग इस बात का संज्ञान लेना चाहेगा? आखिर कोई तो है जो लोगों को अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने से रोक रहा है।
प्रदेश भाजपा ने कहा कि पोस्टल बैलेट पर कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत की प्रतिक्रिया चुनाव नतीजों से पहले ही उनकी हताशा और निराशा को जाहिर कर रही है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी के मुताबिक, हरीश रावत ने सेना के मतदान में कथित धांधली को लेकर वीडियो जारी किया, जिसकी जांच चल रही है। लेकिन उनके आरोप सही साबित नहीं हो पाए।
अब उन्होंने प्रदेश के बजाय अपनी विधानसभा पर फोकस किया है। इससे साफ है कि पूर्व सीएम अपने और कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर असमंजस की स्थिति में है। उनके ट्वीट से गहरी निराशा झलक रही है। पहले विपक्ष पर आरोप प्रत्यारोप के बाद अब उन्होंने चुनाव में लगी निर्वाचन एजेंसी को भी निशाने पर ले लिया है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस अब बहाने तलाशने में लगी है। लेकिन अब इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला हैं, क्योंकि जनता ने अपना फैसला सुना दिया है।