चोपता ।केदारनाथ विधान सभा उपचुनाव के
मतदान के लिए तीन दिन शेष है ऐसे में प्रत्याशी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की झड़ी लगते हुए नजर आ रहे है ।पूर्व विधयाक मनोज रावत पर आशा नोटियाल जंहा 6 करोड़ रुपये की जनता के विकास के लिए खर्च की जाने वाली विधायक निधि खर्च नही कर पाने का आरोप लगा रही है और,अब किस आधार पर जनता उनको वोट देगी व किस मुंह से वोट मांग रहे है। इस बात कोआम जन तक पहुंचा रही है।
वही मनोज रावत व कांग्रेस पार्टी केदारनाथ यात्रा व केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनाने के अलावा किसी अन्य मुद्दे पर बात ही नही कर रहे ।
जबकि जनता के मुद्दे सड़क ,शिक्षा,रोजगार ,स्वास्थ्य के मुद्दे इस चुनाव में कही भी दिखते नजर नही आ रहे है ।बड़ी बात तो यह कि भाजपा का हर बड़ा छोटा बड़ा नेता सहानुभूति बटोरने के लिए पूर्व विधायक स्व0 शैलारानी रावत की बात हर घर जाकर व मंचो पर करती नजर आ रही है लेकिन स्व0 शैलारानी के आकस्मिक निधन के 4 माह बाद ही भाजपा उन्हें भुल चुकी है ।उनकी एक भी फोटो भाजपा के पोस्टर बेनर पर कहि भी दिखाई नही देगी।
भाजपा के लिए केदारनाथ मंदिर व यात्रा डायबर्ड जैसे बाते इस समय गले की फांस बनती नजर आ रही है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर छोटा सा कार्यकर्ता सफाई देते देते थक चुके है और बाबा की सौगंध तक खानी पड़ रही है ।बाबा के मंदिर निर्माण का मामला यदि झूठा , केदारनाथ यात्रा का मामला लोगो के बीच नही चल रहा तो भाजपा प्रत्याशी को मंच पर आंसुओ का सहारा लेकर पंडाल में बैठी महिलाओं की सहानुभूति के लिए आंसू नही बहाने पड़ते ।केदारनाथ रुद्रप्रयाग जनपद ही नही पूरे भारत से लेकर विश्व मे निवास करने वाले हर सनातनी का आराध्य है उसकी भावना से खेलना बंद करो।आंसू से पहले अच्छा होता आप अपने पूर्व के 10 साल विधायक रहते अपने कार्यकाल के विकास कार्यो को लोगो के बीच गिनाते गिनाते भावुक हो कर वंहा बैठी जनता भी भावुक हो कर आप को वोट देती।लेकिन केदारनाथ मंदिर का दिल्ली मामले को शायद आप भी नही भूल पा रहे है तभी आप भी आंसू की बयार बहा रहे है।अब बाबा ही लगाएंगे नया पार।