(देहरादून)- उत्तराखंड में सभी निकायों का कार्यकाल 2 दिसंबर 2023 को खत्म हो चुका है लेकिन अभी तक निकाय चुनाव नहीं कराए गए हैं. निकाय चुनाव को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में भी सुनवाई है जिसमें राज्य सरकार ने 2 जून तक का समय मांगा था जो पूरा हो गया है. हो गया लेकिन फिर भी सरकार 3 महीने बाद निकाय चुनाव की बात कह रही है जिससे समझा जा सकता है कि निकाय चुनाव को लेकर सरकार की तैयारी अधूरी है

हाल ही में 2024 से लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं, ऐसे में उत्तराखंड में दो उपचुनाव होने हैं, जबकि इसके बाद सरकार निकाय चुनाव कराने की तैयारी कर रही है, लेकिन यह तैयारी कितनी है, इससे समझा जा सकता है कि उत्तराखंड के सभी निकायों में यह कार्यकाल हो चुका है। 2 दिसंबर 2023 को पूरा हुआ जिसे 6 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन पहले सरकार ने लोकसभा चुनाव के कारण चुनाव न कराने की बात कही और सरकार की लेटलतीफी के कारण 2 दिसंबर से सरकारी व्यवस्था लागू कर दी गई है निकाय चुनाव को लेकर भी धूप चल रही है 2 जून 2024 को नैनीताल हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने निकाय चुनाव कराने के लिए 6 महीने का समय मांगा था, सरकार की मांगी गई शर्त पूरी हो चुकी है लेकिन सरकार अभी भी चुनाव कराने के मूड में नहीं है हालांकि सरकार यह भी कह रही है कि चुनाव प्रक्रिया 3 महीने के अंदर शुरू कर दिया जाएगा

निकाय चुनाव में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि सरकार बार-बार बहाने बना रही है जबकि सरकार चुनाव कराने के मूड में नहीं है. महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष और राजपुर क्षेत्र से पार्षद उर्मिला थापा का कहना है कि निकाय चुनाव के समय सामान्य लोगों को कोई काम न होने से परेशानी हो रही है और न ही कोई अधिकारी उनकी बात सुन रहा है, इसलिए पार्षद के समर्थन से उनमें से कई काम अब नहीं हो रहे हैं।

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