*सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की सहायता करने वाले मददगार व्यक्तियों (गुड सेमेरिटन्स) को उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय के स्तर से किया गया सम्मानित*
*इस अवसर पर जनपद रुद्रप्रयाग निवासी 03 व्यक्ति भी हुए सम्मानित*
*सम्मानित होने वाले व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रति व्यक्ति को दस हजार रुपये का चैक किया गया वितरित*
अक्सर कहीं पर भी सड़क दुर्घटना हो जाने पर अधिकांश लोक मूक दर्शक बने रहते हैं तथा दुर्घटना में घायल हुए लोगों की फोटो या वीडियो बनाकर शेयर तो कर देते हैं परन्तु दुर्घटना के शिकार हुए लोगों की मदद करने का सामने नहीं आते।
किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो जाने पर शुरुआती एक घंटा गोल्डन आवर माना जाता है, यानि किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने पर जितनी जल्दी से जल्दी मदद हो सके, दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्ति के बचने के चांस उतने अधिक रहते हैं।
कई बार लोगों को यह भी लगता है कि यदि उनके द्वारा किसी दुर्घटना के शिकार हुए लोगों की मदद कर दी तो उन्हें पुलिस थाने या कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं, जबकि अब वास्तव में ऐसा नहीं है।
अब कोई भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना होने पर यदि त्वरित मदद करने को सामने आते हैं तो ऐसे में उन्हें पुलिस के स्तर से गुड समेरिटन स्कीम के तहत सम्मानित भी किया जा रहा है।
वर्ष 2023 में जनपद रुद्रप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत हुई सड़क दुर्घटनाओं के दौरान मदद करने वाले 03 व्यक्तियों को आज उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय द्वारा सम्मानित किया गया है।
उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय में आयोजित सम्मान कार्यक्रम कार्यक्रम अवसर पर श्री ए0पी0 अंशुमन, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखण्ड महोदय व श्री मुख्तार मोहसिन, यातायात निदेशक, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा जनपद रुद्रप्रयाग निवासी 03 व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रति व्यक्ति को ₹10000 (दस हजार) का चैक प्रदान किया गया है।
जनपद रुद्रप्रयाग के सम्मानित हुए गुड समेरिटन का विवरण –
01- श्री अतुल चन्द्र पुत्र श्री चन्द्रशेखर, निवासी रविग्राम, जनपद रुद्रप्रयाग
02- श्री भरत सिंह पुत्र श्री विरेन्द्र सिंह, निवासी ग्राम तुलंगा, जनपद रुद्रप्रयाग
03- श्री संजय सिंह पंवार, पुत्र श्री प्रेम सिंह, निवासी ग्राम धानी, जनपद रुद्रप्रयाग प्रशस्ति पत्र व ₹10000 का चैक देकर सम्मानित किया गया।
बताते चलें कि सड़क दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, राहत व बचाव कार्य कर समय से अस्पताल पहुंचाने, एम्बुलेंस की उपलब्धता न होने की दशा में निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाने, हादसों में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले नेक व्यक्तियों (गुड सेमेरिटन्स) को मोटर व्हीकल एक्ट अधिनियम की धारा 134-ए के तहत पुलिस या अस्पताल द्वारा अनावश्यक रूप से पूछताछ या उनको परेशान किये जाने तथा अपितु इन नेक व्यक्तियों को पुरस्कार प्रदान किये जाने का प्रावधान है।