रूद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग-पोखरी मार्ग पर कनक चौरी गांव के पास 3050 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।। कार्तिक स्वामी मंदिर भगवान शिव के बड़े पुत्र, कार्तिकेय को समर्पित है, जिन्होंने अपने पिता के प्रति समर्पण के प्रमाण के रूप में अपनी हड्डियों की पेशकश की थी।आज भगवान कार्तिके का मंदिर दक्षिण भारत के बाद एकमात्र मंदिर उत्तराखंड रूद्रप्रयाग में स्थित है।इस मंदिर में वर्ष भर देश विदेश के पर्यटक आते रहते हैं । विश्व कल्याण के लिए यहा पर समय समय पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते है।
कार्तिक स्वामी मंदिर में विगत वर्षो की भांति इस वर्ष में भी अखंड पाठ व कीर्तन भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है पूर्व में केवल बेंकुठ चतुर्दशी की पूर्व संध्या पर रात्रि को जागरण व भजन कार्य क्रम होते थे ।इस वर्ष कार्तिक स्वामी मंदिर समिति ने इसे दो दिवसीय करने का निर्णय लिया हैं जिसमे २५नवंबर की रात्रि को महिला मंगल दलों द्वारा कीर्तन भजन व रात्रि के चारो पोहरो पर कुमार कार्तिक की आरती की जाएगी।२६ नवंबर की सुबह उत्तराखंड सस्कृति विभाग की टीम द्वारा भजनों के साथ साथ जागरो की प्रस्तुति दी जाएगी। बैकुंठ चतुर्द्रशी के पर्व पर कार्तिक स्वामी मंदिर में निस्तान दंपतियों के द्वारा रात भर खड़े दीपक जलाकर कर संतान प्राप्ति के लिए उपवास रखा जाता है।जो की अभी तक १००प्रतिशत लोगो को भगवान कार्तिक का प्रसाद प्राप्त हुआ है।पूर्व में इस प्रकार के खड़े दीपकों के इच्छुक दंपतियों का पंजीकरण मंदिर समिति द्वारा किया जाता था ।लेकिन वर्तमान में समिति भी बल्कि इच्छुक दंपति अपनी इच्छा के अनुसार मंदिर के किसी भी स्थान पर अपना अखंड खड़े दीपक के द्वारा भगवान का स्मरण कर संतान प्राप्ति का उपवास धारण कर सकते है।भगवान कार्तिक मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी का कहना की बैकुंठ चतुर्द्रशी के पर्व पर क्रोच पर्व पर स्थित कुमार कार्तिक के मंदिर में वर्षो से रात्रि जागरण ,अखंड पाठ,कीर्तन भजन संध्या का आयोजन होता आ रहा है जिसमे जनपद रूद्रप्रयाग व चमोली के गांवों के लोगो का मंदिर में आना होता है।पर्यटन विभाग द्वारा मंदिर के सौंदर्यकरण कर के आने जाने वाले रास्तों का सुधारीकरण करके सुगम बनाया गया है।क्षेत्रीय लोगो की भगवान कार्तीके अटूट आस्था को देखते हुए २५व२६ नवम्बर को दो दिवसीय महिला संगीत भजन संध्या,जागर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा ही है जिसमे भक्तो से अधिक अधिक संख्या में पहुंच कर कुमार कार्तिक मंदिर में आकर पुण्य अर्जित करे।