रुद्रप्रयाग। शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में आयोजित हुआ वामन द्वादशी मेले के अवसर पर भगवान नारायण एवं क्षेत्रपाल की मूर्ति की पूजा-अर्चना के बाद चांदी की थाल में सजाकर मंदिर की परिक्रमाएं की गई। इस दौरान उपस्थित भक्तों ने भगवान के वामन रूप के दर्शन कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की गयी। प्रतिवर्ष जनपद के सीमांत गांव त्रियुगीनारायण में शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन रूप में अवतरित होने पर यह मेला मनाया जाता है। इस वर्ष वामन द्वादशी मेला सादगी के साथ मनाया गया। मेले में जंगल से मोरू की लंबी डालें भी लाई जाती हैं। इनका पौराणिक उद्देश्य क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने के कारण तीन युगों से जलती आ रही अग्निकुंड में लकड़ियों की व्यवस्था करना होता है।